योग विज्ञान एवं निसर्गोपचार

By: Dr Y D Gaharana

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Edition: 1st

Publisher: Sumit Prakashan

Book Writer/Author: Dr Y D Gaharana

Edition: 1st

No of pages: 495

Language: Hindi

Publisher: Sumit Prakashan

Description: प्रस्तुत पुस्तक DNYS, NDDY, ND, BNYS तथा भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (CCIM) द्वारा 'स्वस्थ वृत ' विषय के अंतर्गत वर्णित योग एवं निसर्गोपचार के नवीनतम पाठ्यक्रम को ध्यान मे रखते हुए तैयार की गई है।

पुस्तक की प्रथम यूनिट में पुरातन संस्कृति के सिद्धांतों के आधार पर योग की विज्ञान सम्मत प्रक्रिया, इतिहास, षड्दर्शन, विभिन्न प्रकार के योग, बंध, मुद्रायें, पंच भूत,पंच कोष, चित्त वृतियां, षड्चक्र, नाडीमंडल, तत्त्व ज्ञान, अष्टांग योग के यम, नियम, आसान, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि आदि जैसे योग शिक्षा के लिए आवश्यक विषयों को स्पष्ट किया गया है।

पुस्तक की दूसरी यूनिट में शरीर रचना एवं क्रिया विज्ञान विषय को स्पष्ट करने के लिए शरीर के विभिन्न संस्थानों अस्थि, पेशी, स्नायु, श्वास, रक्त परिवहन, लसिका, पाचन, उत्सर्जन, ज्ञानेन्द्रियों तथा अंतःस्रावी ग्रंथियों के योग विज्ञान के लिए आवश्यक विवेचन दिए गए हैं।

तृतीय यूनिट में निसर्गोपचार विभाग के अंतर्गत पंच तत्व (मिट्टी, जल, सूर्य, वायु, आकाश), चिकित्सा प्रेमोपचार (होल्डिंग थेरेपी), मालिश, आहार अथार्थ पथ्यापथ्य, उषापान, प्राचीन तथा आधुनिक ऊर्जा व्यायाम, पायलेट व्यायाम, एनीमा आदि से सम्बंधित विवेचन है।

रोगों के उपचार हेतु मानसिक रोग, शिरोरोग, चक्षु, कर्ण, मुख, कंठ, श्वास, उदर, मूत्र, वात, त्वचा,पुरुष, महिला, बच्चों तथा ज्वर आदि रोगों के आवश्यक विवेचन के साथ आवश्यक उपचार तथा इंटर्नशिप से सम्बंधित गाइडलाइन्स दी गई है।

चतुर्थ यूनिट रोग परिक्षण प्रक्रिया में - पुकार व्यवस्था के लक्षण, पूर्वोपचार विवरण लेना, रोग विवरण पद्धति, स्वानुभूत तथा परानुभूत लक्षण, शरीर संस्थानों के परिक्षण में परिदर्शन, परीस्पर्शन, परिताड़ण, परिश्रवण आदि विधियों का उपयोग, तंत्रिकाओं के अपने ढंग के परीक्षण; मल, मूत्र, रक्त, थूक आदि के प्रयोगशालीय परीक्षणों के विवेचन दिए गए हैं।